Ranchi Venkateswara Temple: रांची में स्थित है तिरुपति बालाजी जैसा भव्य मंदिर, जानें इसका महत्व और इतिहास
Ranchi Venkateswara Temple: झारखंड की राजधानी रांची एक दिव्य स्थान है, जहां दर्शन करने से न केवल भक्ति की प्रेरणा मिलती है, बल्कि आंतरिक शांति भी मिलती है। अब भक्ति और दर्शन का एक प्रमुख केंद्र, श्री वेंकटेश्वर मंदिर (Sri Venkateswara Temple) रांची के पहाड़ी मंदिर के पास स्थित है और यह तिरुपति बालाजी का प्रतिरूप है।

इस मंदिर की अनूठी विशेषता यह है कि यहां आने वाले सभी लोगों के सभी पाप क्षमा हो जाते हैं, भले ही वे अनजाने में किए गए हों। मंदिर के शीर्ष पुजारी के अनुसार, बड़ी संख्या में भक्त वर्षों से यहां दर्शन के लिए आ रहे हैं और आनंद, शांति और अद्भुत जीवन (Joy, Peace and Wonderful Life) परिवर्तन का अनुभव कर रहे हैं।
चांदी की एक दिव्य मूर्ति और भगवान विष्णु के सभी अवतार
इस मंदिर की एक और विशिष्ट विशेषता मौजूद है। यह स्थान इसलिए खास है क्योंकि इसमें भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के सभी दस अवतार हैं, जिनमें मत्स्य, कूर्म, वराह, नरसिंह, वामन और अन्य शामिल हैं। इस मंदिर में हर अवतार को कलात्मक रूप से दिखाया गया है।
भव्यता और वैभव का प्रतीक, भगवान वेंकटेश्वर की मुख्य मूर्ति का वजन 10 किलो शुद्ध चांदी से बना है। पहली नज़र में, रांची खुद तिरुपति बालाजी का गंतव्य लगता है।
दक्षिण भारतीय धर्म और खीर के रूप में प्रसाद का एक संयोजन
यह मंदिर आध्यात्मिक गतिविधि का एक केंद्र है, खासकर रांची की दक्षिण भारतीय आबादी के लिए। प्रसाद के रूप में खीर से इस जगह की प्रतिष्ठा और बढ़ जाती है। इस मंदिर में आने पर व्यक्ति को तिरुपति का एहसास होता है।
शांति और आध्यात्मिक आराम का एक आश्रय
जब भक्त यहां दर्शन करने आते हैं, तो वे तीन से चार घंटे मंदिर के चारों ओर बैठते हैं। उन्हें ऐसा लगता है कि वे यहीं बैठे हैं। तिरुपति और यहां का अनुभव एक जैसा है। यह मंदिर आध्यात्मिकता और शांति (Spirituality and Peace) का प्रकटीकरण है।