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Top 5 Hanuman Temples: ये हैं भारत के पांच प्रसिद्ध हनुमान मंदिर, जहां दर्शन मात्र से खत्म हो जाते हैं सारे दुख

Top 5 Hanuman Temples: भारत में आस्था और धर्म की एक विस्तृत श्रृंखला है। यहाँ हर जगह अलग-अलग देवी-देवताओं को समर्पित मंदिर हैं। इनमें हनुमान जी एक प्रमुख देवता हैं, जिन्हें भक्ति, शक्ति और ज्ञान के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है। भगवान राम के परम अनुयायी के रूप में, हनुमान जी (Hanuman ji) पूजनीय हैं और उनकी भक्ति को धैर्य, बुद्धिमत्ता और निष्ठा के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।

Top 5 hanuman temples
Top 5 hanuman temples

भारत में हनुमान जी (Hanuman ji) को समर्पित सैकड़ों मंदिर हैं, लेकिन कई मंदिर अपने धार्मिक महत्व, आयु और स्थापत्य कला के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं। इन मंदिरों में भक्तों की अटूट आस्था और भक्ति का सुंदर संगम है। लोग अपनी मनोकामना लेकर यहाँ आते हैं और हनुमान जी की कृपा से उन्हें सफलता मिलती है। इन मंदिरों की वास्तुकला भी अद्भुत है। इन मंदिरों का निर्माण और पुनर्निर्माण प्राचीन काल से लेकर वर्तमान तक किया गया है, जिससे इनकी भव्यता और सुंदरता और भी बढ़ गई है।

क्या आप जानना चाहते हैं कि हनुमान जी के अनुयायी किन पाँच भारतीय मंदिरों को सबसे ज़्यादा पूजनीय मानते हैं? इन मंदिरों में जाने का सबसे अच्छा तरीका क्या है, इनकी वास्तुकला कितनी शानदार है और इनका इतिहास क्या है? अगर आप भारतीय संस्कृति (Indian Culture) में रुचि रखते हैं या हनुमान जी के अनुयायी हैं तो यह पेज आपके लिए है। भक्ति का अनुभव करने के अलावा, ये मंदिर भारतीय वास्तुकला और संस्कृति की झलक भी दिखाते हैं। यहाँ आप ऐतिहासिक मंदिरों की भव्यता, बेहतरीन मूर्तियों और शांत वातावरण का आनंद ले सकते हैं। इन मंदिरों में जाने पर आपको आध्यात्मिक ऊर्जा और मानसिक शांति का अनुभव होगा।

1. सालासर हनुमान मंदिर, (राजस्थान)

Salasar hanuman temple

राजस्थान के चूरू जिले में सालासर हनुमान मंदिर (Salasar Hanuman Temple) अपने अनुयायियों के लिए बहुत धार्मिक महत्व का स्थान है। सालासर गाँव में, इस मंदिर को ‘सालासर बालाजी’ के नाम से जाना जाता है। दाढ़ी और मूंछों वाली हनुमान जी (Hanuman ji) की मूर्ति इस मंदिर को अपना अलग व्यक्तित्व देती है और इसे दूसरे मंदिरों से अलग बनाती है। यह पवित्र मूर्ति, जो अब एक शानदार सोने के सिंहासन पर स्थापित है, के बारे में कहा जाता है कि इसे एक किसान ने खेत में खोजा था। आध्यात्मिकता का प्रतिनिधित्व करने के अलावा, यह मंदिर अपनी विशिष्ट मूर्ति और धार्मिक महत्व के कारण दुनिया भर से अनुयायियों को आकर्षित करता है। बड़ी संख्या में भक्त यहाँ आते हैं, उम्मीद करते हैं कि बालाजी उनकी मनोकामनाएँ पूरी करेंगे।

2. हनुमान धारा, (चित्रकूट)

Hanuman dhara
Hanuman dhara

उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में, सीतापुर के नज़दीक, हनुमान धारा (Hanuman Dhara) धार्मिक आस्था और प्राकृतिक वैभव का एक अद्भुत संगम है। इस मंदिर में हनुमान जी की एक अनोखी मूर्ति विराजमान है, जो पर्वत श्रृंखला के बीच में स्थित है। इस स्मारक के ऊपर, दो प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले तालाब हैं जो हमेशा पानी से भरे रहते हैं, और पानी मूर्ति के ऊपर गिरता है। पानी के निरंतर प्रवाह के कारण इस स्थान को ‘हनुमान धारा’ नाम दिया गया है। भक्तों के लिए, इस पवित्र जलधारा का मंदिर की विशिष्टता को बढ़ाने के अलावा धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व भी है। यहाँ आने वाले भक्तों के लिए, यह जल पवित्र है और उनके जीवन में शांति और सौभाग्य का प्रतिनिधित्व करता है।

3. श्री बड़े हनुमान मंदिर, (प्रयागराज)

Shri bade hanuman temple
Shri bade hanuman temple

प्रयागराज (इलाहाबाद) में अकबर किले के पास स्थित श्री बड़े हनुमान मंदिर (Shri Bade Hanuman Mandir) का मुख्य आकर्षण लेटे हुए हनुमान जी (Hanuman ji) की भव्य प्रतिमा है। लगभग 20 फीट लंबी इस विशाल प्रतिमा को देखकर भक्तों में भक्ति और आस्था की एक अनूठी भावना भर जाती है। यह मंदिर इसलिए भी अधिक पूजनीय है क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि हर साल सबसे पहले गंगा मैया हनुमान जी को स्नान कराती हैं। बाघंबरी मठ द्वारा संचालित इस मंदिर में हर दिन हजारों भक्त आते हैं। स्थानीय लोगों के बीच इसे “बांध वाले हनुमान जी” भी कहा जाता है। यहां की हवा में आध्यात्मिक और धार्मिक ऊर्जा का भरपूर समावेश है। लेटे हुए हनुमान जी की इस अद्भुत प्रतिमा को देखकर भक्तों को आशीर्वाद मिलता है और उनका मन शांत और उत्साहित होता है।

4. भेट-द्वारका, (गुजरात)

Bhet-dwarka temple
Bhet-dwarka temple

गुजरात के भेट-द्वारका (Bhet-Dwarka) से करीब चार मील दूर एक शानदार पवित्र स्थल है, जहां भगवान हनुमान और उनके पुत्र मकरध्वज की मूर्तियां स्थापित हैं। कहा जाता है कि मकरध्वज की मूर्ति पहले बहुत छोटी थी, लेकिन बाद में यह हनुमान जी की मूर्ति जितनी ऊंची हो गई। किंवदंती है कि मकरध्वज की उत्पत्ति हनुमान जी (Hanuman ji) के पसीने से हुई थी, जिसे एक मछली ने अपने गर्भ में धारण किया था। अपनी अनोखी मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध होने के अलावा, यह स्थान पौराणिक कथाओं के अनुयायियों के लिए विशेष महत्व रखता है। जब भक्त इन मूर्तियों के पास जाते हैं, तो उन्हें अमूल्य आशीर्वाद और आध्यात्मिक शांति मिलती है।

5. श्री कष्टभंजन हनुमान मंदिर, (गुजरात) 

Shri kashtbhanjan hanuman temple
Shri kashtbhanjan hanuman temple

गुजरात में अहमदाबाद-भावनगर के करीब बोटाद जंक्शन से करीब 12 मील की दूरी पर सारंगपुर मंदिर है, जो अपनी अनोखी भव्यता के लिए प्रसिद्ध है। स्वामीनारायण संप्रदाय में हनुमान का एकमात्र मंदिर, जहाँ भगवान हनुमान की अविश्वसनीय शक्ति और आस्था का अनुभव किया जा सकता है, वह यही है। इस दिव्य प्रतिमा को महायोगीराज गोपालानंद स्वामी (Mahayogiraj Gopalanand Swami) द्वारा स्थापित किए जाने का दावा किया जाता है। अक्सर यह माना जाता है कि स्थापना के समय भगवान हनुमान का जुनून मूर्ति में समा गया था, इसलिए मूर्ति हिलने लगी थी। इस उल्लेखनीय घटना से इस मंदिर की विशिष्टता और भी बढ़ जाती है। भगवान हनुमान की कृपा से, यहाँ आने वाले भक्त न केवल उनकी शक्ति को महसूस करते हैं, बल्कि जीवन में अच्छी ऊर्जा और सुरक्षा भी प्राप्त करते हैं।

FAQ: भारत के शीर्ष 5 हनुमान मंदिर

प्रश्न: सालासर हनुमान मंदिर की मुख्य विशेषता क्या है और यह कहाँ स्थित है?

उत्तर: सालासर हनुमान मंदिर (Salasar Hanuman Temple) राजस्थान के चुरू जिले में स्थित है। दाढ़ी और मूंछ के साथ हनुमान जी (Hanuman ji) की मूर्ति इसकी मुख्य विशेषता है।

प्रश्न: हनुमान धारा को “हनुमान धारा” नाम क्यों दिया गया?

उत्तर: प्राकृतिक तालाबों से हनुमान जी की प्रतिमा पर लगातार गिरने वाली जलधारा के कारण ही हनुमान धारा को यह नाम मिला है।

प्रश्न: श्री बड़े हनुमान मंदिर किस कारण से प्रसिद्ध है, और वहां कौन सी मूर्ति है?

उत्तर: श्री बड़े हनुमान मंदिर में लेटे हुए हनुमान जी (Hanuman ji) की 20 फुट लंबी मूर्ति भक्तों की अनन्य भक्ति और आस्था का प्रतीक है।

प्रश्न: भेट-द्वारका के मंदिर में कौन से देवता विराजमान हैं?

उत्तर: भेट-द्वारका मंदिर में भगवान हनुमान और उनके पुत्र मकरध्वज की मूर्तियाँ हैं।

प्रश्न: श्री कष्टभंजन हनुमान मंदिर में मूर्ति किसने समर्पित की?

उत्तर: स्वामीनारायण संप्रदाय के महायोगीराज गोपालानंद स्वामी ने श्री कष्टभंजन हनुमान मंदिर (Shri Kashtbhanjan Hanuman Temple) की मूर्ति समर्पित की।

प्रश्न: हनुमान धारा मंदिर से रेलवे स्टेशन कितनी दूरी पर है?

उत्तर: हनुमान धारा मंदिर रेलवे स्टेशन से लगभग दस किलोमीटर दूर है।

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