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Story of Lord Shiva and Bhasmasura: भस्मासुर से अपनी जान बचाने के लिए भगवान शिव ने मांगी थी भगवान विष्णु से मदद, जानें पूरी कहानी

Story of Lord Shiva and Bhasmasura: भारतीय पौराणिक कथाओं में सबसे प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण कथाओं में से एक भगवान शिव और भस्मासुर की कथा है। इस कथा में बताया गया है कि कैसे भगवान शिव (Lord Shiva) ने अपने प्राणों की रक्षा के लिए भगवान विष्णु से सहायता मांगी और कैसे विष्णु जी ने अपनी माया से भस्मासुर का वध किया। भस्मासुर के प्राण बचाने के लिए, भगवान शिव ने भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की सहायता ली, जिन्होंने मोहिनी रूप धारण करके भस्मासुर का वध किया। यह कथा निष्ठा और अहंकार व बेईमानी पर विजय के महत्व को दर्शाती है।

Story of lord shiva and bhasmasura
Story of lord shiva and bhasmasura

भस्मासुर (Bhasmasur) को कैसे मिला वरदान

कथा के अनुसार, भस्मासुर नाम का एक राक्षस था। उसका लक्ष्य अमर और अत्यंत शक्तिशाली बनना था। इसी उद्देश्य से उसने भगवान शिव की कठोर तपस्या शुरू की। कई वर्षों तक उसने कठोर तपस्या की, जिससे तीनों लोकों में अराजकता फैल गई। भस्मासुर की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उससे वरदान मांगने का आग्रह किया। “हे महादेव!” भस्मासुर ने वरदान माँगा। मुझे यह शक्ति प्रदान करें कि मैं जिस किसी के भी सिर को छू लूँ, वह भस्म हो जाए।

भगवान शिव, जो अपने अनुयायियों की माँग तुरंत पूरी करते हैं ‘तथास्तु’ कहकर, उसे वरदान दे दिया। वरदान पाकर भस्मासुर का अहंकार सातवें आसमान पर पहुँच गया। उसने सोचा, “क्यों न मैं यह वरदान भगवान शिव (Lord Shiva) पर आज़माऊँ?” क्योंकि वह इतना अहंकारी हो गया था। शिव के सिर पर अपना हाथ रखकर उन्हें भस्म करने के लिए, वह उनके पीछे दौड़ने लगा।

जब भगवान शिव को भस्मासुर के छल का पता चला, तो वे भयभीत हो गए और अपनी जान बचाने के लिए भाग गए। भस्मासुर के एक गुफा में शरण लेने के बाद भी भस्मासुर उसका पीछा करता रहा।

भगवान विष्णु (Lord Vishnu) का रूप मोहिनी

जब भगवान शिव संकट में थे, तब उन्होंने भगवान विष्णु के बारे में सोचा। भगवान विष्णु तुरंत वहाँ प्रकट हुए और उनकी दुर्दशा को पहचान लिया। चूँकि भस्मासुर ने स्वयं भगवान शिव की कृपा प्राप्त कर ली थी, इसलिए वह जानता था कि उसे सीधे युद्ध से नष्ट नहीं किया जा सकता। तब भगवान विष्णु ने एक योजना बनाई। उन्होंने मोहिनी का रूप धारण किया, जो एक अत्यंत आकर्षक और मनमोहक स्त्री थी।

भस्मासुर के पास पहुँचते ही मोहिनी (Mohini) ने कहा, “तुम किसके पीछे भाग रहे हो?” मुझसे विवाह कर लो। मोहिनी के आकर्षण ने भस्मासुर को मोहित कर लिया और वह तुरंत उससे विवाह करने को तैयार हो गया।

इस प्रकार भस्मासुर (Bhasmasur) का हुआ अंत

मोहिनी ने भस्मासुर के सामने एक शर्त रखी: “मैं तुमसे विवाह करूँगी, लेकिन पहले तुम्हें मेरे साथ नृत्य करना होगा।” जब मैं नृत्य करूँगी, तब तुम्हें मेरे साथ चलना होगा। शर्तें मानने के बाद, भस्मासुर और मोहिनी नृत्य करने लगे। मोहिनी जटिल और उत्कृष्ट नृत्य मुद्राएँ करती रहीं। मोहिनी नृत्य करते समय एक हाथ अपने सिर पर रखे हुए थीं।

भगवान शिव के आशीर्वाद से, भस्मासुर ने मोहिनी (Mohini) की नकल करते हुए अपना हाथ अपने सिर पर रख लिया, और उसकी कथा समाप्त हो गई क्योंकि वह तुरंत भस्म हो गया। इसलिए, भस्मासुर का नाश भगवान शिव (Lord Shiva) के बल से नहीं, बल्कि भगवान विष्णु की चतुराई और छल से हुआ। इस कहानी से हम सीखते हैं कि अहंकार का अंत हो जाता है और सत्य की रक्षा के लिए झूठ बोलना पड़ सकता है।

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