एक बार फिर से सियासी बादल गरजने को तैयार,स्पीकर चुनाव में होगी शिवसेना Vs शिवसेना

मुंबई। महाराष्ट्र की सत्ताधारी शिवसेना में मची उथलपुथल उद्धव ठाकरे के इस्तीफे और भाजपा के योगदान से नयी गवर्नमेंट के गठन के बाद ऊपर से थोड़ी शांत दिख रही थी, लेकिन अब एक बार फिर से राजनीतिक बादल गरजने को तैयार हैं। आज रविवार से महाराष्ट्र विधानसभा का दो दिन का विशेष सत्र प्रारम्भ होने जा रहा है। इस दौरान पहले विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा, फिर एकनाथ शिंदे गवर्नमेंट को बहुमत की परीक्षा देनी होगी। संसद का ये सत्र खासा हंगामेदार रहने की आसार है। इस दौरान पहली बार सदन के अंदर ‘शिवसेना बनाम शिवसेना’ की जंग देखने को मिलने के पूरे आसार हैं। आइए जान लेते हैं, इससे जुड़े 10 बड़े अपडेट-
महाराष्ट्र विधानसभा के इस विशेष सत्र के दौरान रविवार को असेंबली स्पीकर का चुनाव किया जाएगा। भाजपा ने इस चुनाव के लिए अपने पहली बार के युवा विधायक राहुल नार्वेकर को मैदान में उतारा है। वहीं एमवीए गठबंधन ने राजन साल्वी को आगे किया है।
महज 31 महीनों के अंदर ही शिवसेना, कांग्रेस पार्टी और एनसीपी के गठबंधन वाली महाविकास अघाड़ी गवर्नमेंट गिर चुकी है। उद्धव ठाकरे के इस्तीफे के बाद एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री पद और भाजपा के देवेंद्र फडणवीस डिप्टी मुख्यमंत्री की शपथ ले चुके हैं।
एकनाथ शिंदे का दावा है कि 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में शिवसेना के कुल 55 विधायकों में से 39 उनके साथ हैं। इसके अतिरिक्त 9 निर्दलीय और 2 दूसरे दलों के विधायक भी उनका सपोर्ट कर रहे हैं। नयी गवर्नमेंट में सहयोगी भाजपा के 105 विधायक हैं।
बगावत के शिकार हुए उद्धव ठाकरे संकेतों में साफ कर चुके हैं कि विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में वह भाजपा विधायक राहुल नार्वेकर की आसान जीत नहीं होने देंगे। एमवीए गठबंधन ने जिस राजन साल्वी को उम्मीदवार बनाया है, वह शिवसेना के उद्धव कैंप के विधायक माने जाते हैं।
इस सत्र के लिए पिछली उद्धव गवर्नमेंट के विरूद्ध बगावत करने वाले बागी विधायक शनिवार रात को गोवा से मुंबई पहुंच गए हैं। इन विधायकों और एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के बीच रात को बैठक भी हुई।
महाराष्ट्र विधानसभा में स्पीकर का पद पिछले वर्ष कांग्रेस पार्टी के नाना पटोले के इस्तीफे के बाद से ही खाली है। अभी तक डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल ही सदन का कामकाज संभाल रहे थे, लेकिन शिवसेना में बगावत के दौरान उनके फैसलों पर भी गंभीर प्रश्न उठे हैं। मामला उच्चतम न्यायालय तक पहुंच गया है।
डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल ने शिवसेना के 16 बागी विधायकों को अयोग्यता का नोटिस जारी कर रखा है। उन्होंने बागियों को 48 घंटे के अंदर उत्तर देने का समय दिया था, जिसे उच्चतम न्यायालय ने बढ़ाकर 12 जुलाई तक कर दिया है। विधानसभा सत्र प्रारम्भ होने पर बागी विधायकों की अयोग्यता का मामला एक बार जोर पकड़ेगा।
शिवसेना के चीफ विप सुनील प्रभु ने स्पीकर चुनाव के समय सभी पार्टी विधायकों को उपस्थित रहने और राजन साल्वी के पक्ष में वोट देने का विप जारी किया है। ठाकरे पक्ष दावा करेगा कि जो विधायक साल्वी के पक्ष में वोट नहीं देंगे, उन्हें अयोग्यता का सामना करना पड़ेगा।
जाहिर है कि शिवसेना के बागी विधायक शिंदे गवर्नमेंट के उम्मीदवार राहुल नार्वेकर को सपोर्ट करेंगे। एकनाथ शिंदे ने बोला भी है कि ये विप उनके गुट पर लागू नहीं होता क्योंकि शिवसेना के 55 विधायकों में से दो-तिहाई से अधिक का बहुमत उनके साथ है। ऐसे में इस विप का कोई मतलब नहीं है।
कुल मिलाकर विधानसभा सत्र के पहले ही दिन सदन के अंदर शिवसेना बनाम शिवसेना की लड़ाई खुलकर सामने आ सकती है। उद्धव ठाकरे गुट और एकनाथ शिंदे कैंप के बीच इस जंग का स्पीकर पद के चुनाव पर क्या असर होगा, ये देखने की बात होगी।